जेल के बैरक नंबर नौ में 100 साल पहले आजादी के दीवानों में जोश भरने के लिए राष्ट्र कवि पं. माखन लाल चतुर्वेदी ने पांच जुलाई 1921 को पुष्प की अभिलाषा कविता लिखी थी।
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100 साल की हुई 'पुष्प की अभिलाषा', आजादी के दीवानों में अब भी जगा रही देशभक्ति
Reviewed by Rajat
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July 04, 2020
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